सानंद न्यास
के बारे में
सानंद न्यास, इंदौर (राष्ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्मान वर्ष 2023 से सम्मानित)
32 वर्ष पूर्व सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और फैलाने के उद्देश्य से 'सानंद' नामक पौधा रोपा गया था, जो अब एक विशाल वटवृक्ष के रूप में स्थापित हो चुका है। 'सानंद' शब्द का अर्थ है 'सह आनंद'। यह संस्था अपने सदस्यों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है, जिसमें सांस्कृतिक गतिविधियों का आनंद और अनुशासन दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण होते हैं। यह संस्था न केवल स्थानीय संस्कृति की पहचान बन चुकी है, बल्कि यह पूरे देश में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में सफल रही है। आर्थिक विषमताओं को नजरअंदाज कर, कैसे एक विशाल जनसमुदाय स्व-अनुशासन के साथ एकत्र हो सकता है, इसका उदाहरण सानंद न्यास है। यह संस्था आज इंदौर के गौरव और महाराष्ट्रीयन संस्कृति की पहचान बन चुकी है। इस संस्था ने समय-समय पर अपनी गतिविधियों के माध्यम से सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देने का कार्य किया है। सानंद न्यास न केवल सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए प्रयासरत है, बल्कि युवा पीढ़ी को भी अपनी समृद्ध परंपरा से अवगत कराता है। सानंद न्यास को देश का सबसे बड़ा कलाप्रेमी समूह होने का बहुमान प्राप्त हैं।